वैदिक ग्राम
कृषि

वैदिक ग्राम में प्राकृतिक कृषि पद्धति से कृषि व बागवानी की गतिविधियां संचालित हैं। इस पद्धति में यह पूरा ध्यान दिया जाता है की मिट्टी का स्वास्थ्य ठीक रहे। इसके लिए मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में ऑर्गेनिक कार्बन उपस्थित रहे तथा कार्बन नाइट्रोजन का अनुपात सही मात्रा में हो इस बात का पूरा ध्यान दिया जाता है। जमीन में गोकृपामृत (जो कि अनेक उपयोगी जीवाणुओं का एक कल्चर है) समय-समय पर दिया जाता है। इसमें नाइट्रोजन फास्फोरस पोटाश तथा अन्य माइक्रोन्यूट्रिएंट्स को उपलब्ध कराने वाले सूक्ष्म जीवाणु पर्याप्त मात्रा में होते हैं तथा जमीन में फसल अवशेष को गलाने वाला बैक्टीरिया भी पर्याप्त मात्रा में होते हैं। हम सामान्य रूप से अच्छे किस्म की देशी बीजों का उपयोग करते हैं। आवश्यकता होने पर ऑर्गेनिक कीट नियंत्रकों का प्रयोग करते हैं जमीन पर घन जीवामृत का भी प्रयोग करते हैं।