वैदिक ग्राम
गौशाला

वर्तमान में वैदिक ग्राम के अंदर एक गौशाला संचालित किया जा रहा है जिस में केनकाथा नस्ल के करीब 60 गोवंश विद्यमान हैं। इनमें गाय, बैल, सांड, बछड़े और बछडियां सम्मिलित हैं। इनको चना, मसूर, ज्वार आदि की सुखी चारा एवं मौसम के अनुसार हरा चारा तथा जौ की दलिया, खाली इत्यादि दिए जाते हैं। यह गोवंश दिन में कम से कम 6 घंटे खुली जमीनों पर चरती हैं। यह यहां के स्थानीय नस्ल है और इसमें रोग निरोधी क्षमता बहुत ज्यादा होती है। इस गोवंश का दूध वैदिक ग्राम में निवास करने वाले प्रयोग करते हैं। शेष दूध से बिलोना पद्धति से घी बनाया जाता है और वह विक्रय के लिए उपलब्ध है। पूरा ध्यान दिया जाता है कि नवजात बछड़ों को पर्याप्त दूध उपलब्ध हो और उनका पोषण अच्छी तरीके से हो।