वैदिक ग्राम
संस्कार शाला
यह विभाग आधुनिक शिक्षा पद्धति पर आधारित होगा। विद्यार्थियों को आधुनिक सरकारी मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम के साथ-साथ वेद, दर्शन, उपनिषद व अन्य संस्कृत साहित्य का कुछ अंश पढ़ाया जाएगा। विद्यार्थियों को आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग भी समझाया जाएगा जिससे वे सदाचारी बने। अपने देश की बौद्धिक धरोहर से भली-भांति परिचित कराया जाएगा जिससे वे अपनी संस्कृति के जड़ों से गहराई से जुड़े। इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा की विद्यार्थी रुचि से अध्ययन करें दबाव में नहीं। विद्यार्थी विषय को पूरी तरह से समझे, केवल रेट नहीं, ऐसा विशेष ध्यान दिया जाएगा जिससे उस विषय का आधार दृढ़ता से मन में बने। इससे उनके आगे अध्ययन व कॉम्पिटेटिव परीक्षाओं में बहुत लाभ होगा ।
सभी विद्यार्थियों की प्रातः काल जागरण से लेकर रात्रि शयन तक एक आदर्श दिनचर्या रहेगी।
शारीरिक दृढ़ता हेतु विद्यार्थियों के लिए दौड़, दंड बैठक, आसान, मलखंभ, रस्सी मलखंभ आदि विभिन्न व्यायामों के साथ-साथ लाठी, तलवार, तीरंदाजी, भाला, राइफल शूटिंग आदि साधनों के प्रयोग का प्रशिक्षण तथा कुश्ती, कबड्डी, फुटबॉल, जिमनास्टिक, आश्वारोहण, तैराकी आदि खेलों का प्रशिक्षण यथा संभव दिया जाएगा।
विद्यार्थियों को भाषण, वाद-विवाद, संगीत, नृत्य, नाटक, कुम्हारी, लोहारी, सुलेखन, कृषि, गोपालन आदि विभिन्न शिल्प कलाओं का तथा दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओं के निर्माण का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह निश्चित किया जाएगा की विद्यार्थी कम से कम 4-5 शिल्पों में निष्णात हो।
विभिन्न पारिस्थितिकी तन्त्रों के विषय में, उनके परस्पर समन्वय व मनुष्य के लिए उनके महत्व और उनको बिगाड़ने पर होने वाले दुष्परिणाम आदि का भी ज्ञान कराया जाएगा।
